खण्डहर ऐतिहासिक ईमारत

इतिहास के पन्नों में विस्मृत मनियारी महंथ जी का डेहरी

तिहासिक इमारत के भीतर स्थित रामजानकी मंदिर में ,मेरी बाबू आस्था और आर्या तथा आचार्य हीराकांत शास्त्री.

   मुजफ्फरपुर जिला में स्थित महंथ दर्शन दास जी का पुश्तैनी खँडहर,जिसका इतिहास मुगलकाल के समकालीन है.गौरतलब है कि यह ऐतिहासिक स्थल मेरे गाँव अमरख के बगल में स्थित मैयारी गाँव में है.आलेख काफी शोधपरख है.यह काफी लंबा भी होगा,इसीलिए समय-समय पर इसमें अपडेट करते रहूँगा.यह वही स्थान है,इस खँडहर का सम्बन्ध शिक्ख धर्म से भी है.चुकि यहाँ प्रत्येक साल गुरुपूजा का आयोजन होता है. विडम्बना यह है कि शिक्षा व संस्कृति के क्षेत्र में ढेर सारा योगदान होने के बावजूद भी यह इतिहास के पन्नों में विस्मृत है.

मनियारी महंथ जी का ऐतिहासिक खंडहर इमारत..




इमारत के भीतर स्थित श्री रामजानकी मंदिर में मैं,मेरी बाबू आस्था तथा     इमारत के भीतर स्थित श्री रामजानकी मंदिर में मैं,मेरी बाबू आस्था तथा आर्य एवं आचार्य हीराकांत शास्त्री.


                                आस्था और आर्या से बात करते आचार्य हीराकांत शास्त्री जी.
मंदिर के गर्भगृह में मेरे साथ आस्था,आर्या तथा वहाँ के स्थानीय बच्चे.
                               मंदिर के गर्भगृह में मेरे साथ आस्था,आर्या तथा वहाँ के स्थानीय बच्चे.
मंदिर के गर्भगृह में मेरे साथ आस्था,आर्या तथा वहाँ के स्थानीय बच्चे.
                                 मंदिर के तोरण द्वार के पास फोटो खिंचवाती मेरी आस्था और आर्या.
मंदिर के तोरण द्वार के पास फोटो खिंचवाती मेरी आस्था और आर्या.


खादी ग्रामोद्योग का खँडहर महल  जो आजादी  के समय से पूर्व से लेकर सत्तर के दशक तक अस्तित्व में था.

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