नारी सशक्तिकरण को प्रेरित
अवला नहीं तू सबला हो....
अवला नहीं तुम सबला हो,
जुल्मी नहीं तुम जुमला हो।
करते हैं तूझपे नाज़ हम सब;
भारत माता की कंगना हो,भारत माता की कंगना हो।
तू ही सीता, तू ही मंदोदरी,तू ही झाँसी
और तू ही भिखाजिकामा हो,तू ही भिखाजिकामा हो।
हर आँगन में छनकार हो तुम;
घूँघट में स्वाभिमान हो तुम।
तुझसे ही दुनिया सीखी माया।
तू करुणा की धारा हो, तुम करुणा की धारा हो।
अवला नहीं तुम सबला हो,जुल्मी नहीं तुम जुमला हो;
करते हैं तुझपे नाज़ हम सब,
भारत माता की कंगना हो,भारत माता की कंगना हो।
तुझे गोद में पाकर, प्रथम पावन परिचय का एहसास हो तुम।
तुझे देख मन हर्षित होता अपने पापा का प्यार हो तुम अपने पापा का प्यार हो तुम।
मन में पाप को पाला जिसने, वही तुझे बोझ समझता.
भूल क्यों जाता तेरा क़र्ज़?
तू जननि और जाया हो, तू जननि और जाया हो।
अवला नहीं तुम सबला हो, जुल्मी नहीं तुम जुमला हो
करते हैं,तुझपे नाज़ हम सब,
भारत माता की कंगना हो, भारत माता की कंगना हो।
नवेन्दु नवीन
मोबाईल:9709502227
An excellent collection writen by me
ReplyDeleteबहुत सुंदर और समय की मांग
ReplyDeleteशुभकामना नवेन्दु जी
जी सादर प्रणाम
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